हमारे जीवन की धरोहर गंगा
संजय मौर्य
कानपुर नगर। जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के सभागार में गंगा कनवर्जन के सेमिनार का दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया| जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने कहा कि पहले की अपेक्षा अब काफी बदलाव हुआ है। रीवर गंगा हमारे जीवन की धरोहर है उसे बचा के रखना हम सब लोगों का दायित्व है| बचपन में भारतीय संस्कृति के विषय में सभी को सिखाया गया।उस संस्कृत में रीवर गंगा का ज्ञान भी दिया जाता है। जो नदियां पहाड़, तराई वाले क्षेत्र आदि क्षेत्रों को जोड़ती है इसमें गंगा का बहुत बड़ा योगदान है|"
"हटो, बचो, चलो जो चल रहा है" की नीति पर नहीं चल सकते। अब समय आ गया है कि हमें अपने रहन-सहन में बदलाव करना होगा| प्रदूषण, ग्रीनहाउस जो छोड़ते हैं उसको कंट्रोल करना होगा| उन्होंने कहा कि जब अंग्रेज लोग इंग्लैंड जाते थे तो सिर्फ गंगा जी का पानी लेकर जाते थे, जो लोग तीर्थ में जाते हैं वहां से मां गंगा जी का जल लेकर आते हैं क्योंकि गंगा के जल में कीड़े नहीं पड़ते और गंगा के जल से लोग पवित्र होते हैं| इस धरोहर के प्रति दिल, दिमाग और मन से जागरूक होना होगा।
कुछ पुण्य किए होंगे जिससे आपको सेवा करने का मौका मिला इस धरोहर को संभाल कर रखें| मुख्य विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा विचार जो मिले यहां से जाने के बाद अपने-अपने स्कूलों में इसी तरह अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना होगा|
गंगा हमें बहुत कुछ देती है इस धरोहर को संभाल कर रखने के लिए सब लोगों को आगे आना होगा| सीएसजेएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नीलिमा गुप्ता, डायरेक्टर (एन एस आई) प्रो0 नरेंद्र मोहन, नमामि गंगे के एनवायरमेंट स्पेशलिस्ट डॉ सीताराम टैगोर ने गंगा की धरोहर को बचाने के लिए अपने विचार विमर्श व्यक्त किए| इस अवसर पर अधिकारी गण सहित विद्यालयों से आए शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे|नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि हम रीवर गंगा की बात करते हैं, जो मान्यता, आस्था से जुड़ी हुई है वह सिर्फ एक नदी नहीं है यह जीवन दायिनी है| उन्होंने कहा कि सोच को जागरूक करने की जरूरत है कि नदियों ने जो सदियों से हमें दिया है हम शहरवासी क्या दे रहे हैं? घरों का, नालों का गंदा पानी, कूड़ा कचरा नदियों में ना डालें जिससे हमें अच्छे वातावरण के साथ ही शुद्ध जल मिल सके|
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