साल जा रहा है
सादा-जीवन भी मुमकिन है
सुरेंद्र सैनी
माना कि ये साल जा रहा है
अनसुलझा सवाल जा रहा है
फिर भी बहुत सिखाया इसने
समझ का कमाल जा रहा है
कितना संयम आया ज़िन्दगी
ख़ुश होना हर हाल जा रहा है
वक़्त की कद्र जानी है हमने
बेतरतीबी का काल जा रहा है
रिश्तों में आयी है नजदीकियां
जज़्बात में उबाल जा रहा है
सादा-जीवन भी मुमकिन है
सादगी का हमाल' जा रहा है (वाहक)
कुछ लोगों ने पंक' समझा "उड़ता" (कीचड़)
मुझे लगा कमल-नाल' जा रहा है (कमल-डंडी)
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