झूठी शान हुई महान
मंजुल भारद्वाज
झूठे विज्ञापन देख
सच लगता है
मध्यवर्ग के बुझे चेहरों की
रंगत लौट आती है
राष्ट्रवाद,गाय,गोमूत्र
सारी मिठाई गुड गोबर
खुशियां बांटने के लिए
एक चॉकलेट का शुक्रिया!
कील मुहांसे और फुंसी
झट से दूर कर देती हैं
नीम हल्दी और तुलसी
विकार का प्रसार
नहीं कहीं कोई घाटा
बिक जाता है आयुर्वेद
योग भोग बेसन का आटा !
दंगों के दाग़ से
देश झुलस जाता है
कीचड़ कमल सा
खिल जाता है
पर देखो सर्फ़ का कमाल
कपड़े के धाग
अच्छे हो
चुटकी में
धुल जाते है !
दिल का दौरा
आंखों की चमक
घुटनों का दर्द
डाबर हमदर्द
नफ़रत का डंक
ज़मीर का कलंक
उम्रभर सालता है!
दो मिनट की मैगी
चार मिनट का पास्ता
अमर कर देते हैं
मां की ममता
वाशिंग मशीन की क्षमता
लाती है नर नारी समता !
भाव विभोर टीवी दर्शक
चुनते हैं अपनी चॉइस
शॉपिंग मॉल ,अमेज़न से
खरीदी जाती हैं खुशियां !
झूठे विज्ञापन साबित करते हैं
देश का ज्ञान
साबन,तेल नमक
नहीं चुन सकता
देखो देश इतना अहमक !
अख़रोट का स्क्रबर
बादाम का तेल
गोदरेज की डाई
शारीरिक कमज़ोरी
ढिंढोरा पीटकर बताई !
खाना पौष्टिक नहीं
जंक फूड हुआ
बाहर का दिखावा
अंदर से बेहतर हुआ !
हल्दी,मिर्च,धनिया
उगाने वाला गरीब
मालामाल हुए बनिया
झूठे हुए आज
सच सच मसाले
सुबह की आरती
शाम की अजान
सत्ता के चूल्हे पर
जल गए आज
साम्प्रदायिक सौहार्द
सामाजिक तानाबाना !
कमाल की टैग लाइन
लिखते हैं विज्ञापन वीर
झूठ को बेच बने अमीर
सच कहीं कोने में सिसकता रहा
झूठ का परचम लहराता रहा !
गोडसे का देश
टैगोर का बंगाल
झूठे संघियों के विज्ञापन का
है ना कमाल
झूठी शान
हुई महान
बिक गया देश
भारत महान !
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