कुछ नेकी की होगी
वो भला है उसने कुछ नेकी की होगी
उसे सब पता है कुछ रेकी की होगी
सुरेंद्र सैनी
ऐसे ही नहीं हुनर आया है उसमें
उसने कुछ गति देखा-देखी की होगी
उसको भी उन्मुक्त गगन पसंद होगा
लेकिन उसने कुछ अनदेखी की होगी
वो तो नदी सा अनवरत बहता है
उसकी आदत सुधा-सरेखी की होगी
उसका मकान कुछ अलग दिखता है
उसने घर के बाहर कोई टेकी की होगी
कोई भी अल्फाज़ ले लेते हो "उड़ता"
कहाँ से और कैसे किताब-सेकी की होगी.
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