प्रतिरोध लोकतंत्र का प्राण है !
हे धरती पुत्रों तुम्हें सलाम!
मंजुल भारद्वाज
इरादे अटल
संकट सरल
क्रूर मौसम
कहर ढाती
सर्द हावों को
धरती पुत्रों ने
वरदान बना लिया !
सही कहा आज़ादी
भीख में नहीं मिलती
लोकतंत्र सिर्फ़ वोट देना भर नहीं है
चुनाव सत्ता का पर्व है
लोकतंत्र का गला घोंटती सत्ता से
मुक्ति का पर्व है प्रतिरोध
प्रतिरोध पर्व
लोकतंत्र का प्राण है
भारत के अन्नदाताओं ने
अपने प्राणों की आहुति से
प्रतिरोध के हवनकुंड की
अग्नि को जलाये रख
विचार मर नहीं सकता के
मुहावरे को अमर कर दिया !
हे भूमि पुत्रों
याद रखेगा देश
हिसाब लेगा वक़्त
निर्लज्ज सरकार जब
तारीख़ पे तारीख़ दे रही है
तब हाड कपा देने वाली ठंड में
किसान शहादत पे शहादत दे रहे हैं !
बसंती रंग के दीवानों
लोकतंत्र के मतवालों
कुर्बानी और सत्याग्रह की
मशाल और मिसाल
हे धरती पुत्रों तुम्हें सलाम!
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