डायबिटीज के मरीज कोरोना से रहें सतर्क
इम्यूनिटी कमजोर होने पर हो सकते हैं कोरोना से बीमार
वशिष्ठ मौर्य
देवरिया। कोरोना वायरस के मामले कम हो गए हैं और कोरोना का टीका लगाने की तैयारी भी चल रही है। इसके बावजूद कोरोना वायरस से बचने के लिए बुजुर्गों, बच्चों के अलावा डायबिटीज के मरीजों को सतर्क रहने की जरुरत है। ऐसे लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है इसलिए यह लोग आसानी से वायरस से बीमार हो जाते हैं।
जिले के कोविड एल-2 अस्पताल के नोडल डॉ. विजय गुप्ता का कहना है कि कोरोना वायरस डायबिटीज के टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह के मरीजों के लिए खतरनाक है। कोरोना एक तेजी से फैलने वाली बीमारी है लेकिन इससे मरने वालों का आंकड़ा फिर भी कम है। वहीं डायबिटीज की बीमारी की वजह से कोरोना वायरस से ग्रसित होने के बाद मरने वालों की संख्या ज्यादा है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि डायबिटीज जैसी बीमारी वाले लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है जिसकी वजह से उनमें कोरोना वायरस से खतरा ज्यादा होता है। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें कोरोना वायरस से मरने वाले लोग पहले से ही डायबिटीज के मरीज थे। इस तरह के मामलों को देखते हुए डायबिटीज के मरीजों को अपना विशेष ख्याल रखने की जरूरत है ताकि बीमारी से बचा जा सके।
ऐसे करें बचाव
डॉ. गुप्ता का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए डायबिटीज को सही तरीके से कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। इसके लिए घर पर ही ग्लूकोज मीटर से अपना शुगर लेवल चेक करते रहें। आलस ना करें और घर में भी कुछ न कुछ करते रहें। डायबिटीज के मरीजों को एक्टिव रहना बहुत जरूरी है और इसके लिए दिन की शुरुआत कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज से करनी चाहिए। एक ही जगह पर एक घंटे तक लगातार बैठकर काम करना भी डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा नहीं है। उन्हें हर पांच मिनट में ब्रेक लेकर थोड़ा टहलना चाहिए। डॉक्टर और डाइटीशियन से डाइट की मात्रा पूछते रहें, हर दिन कम से कम 8 से 10 घंटे की नींद जरूर लें। अगर बुखार, गले में खरास या जोड़ों में दर्द की शिकायत है तो अपने मन से कोई भी दवा ना लें। ऐसा करने से तकलीफ और बढ़ सकती है। डॉक्टर को दिखा कर मधुमेह की जांच समय-समय पर अवश्य कराते रहें।
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