हबीब तू गाड़ी चला
(फोटो में पूज्य महाराजजी नीम करोली बाबा गाड़ी की आगे वाली सीट पर बैठे है और पीछे की सीट पर प. बनवारी लाल पाठक जी बैठ रहे है. साथ मे खड़े है गुरुदत्त शर्मा )
महाराजजी नीम करोली बाबा हमेशा गाड़ी की आगे वाली सीट पर ही बैठते थे। चलती गाड़ी से अदृश्य होकर अपने भक्तो के कष्ट का हरण कर पुनः गाड़ी की आगे की सीट पर प्रकट हो जाना उनकी सहज लीला थी। वे इस बात का भी पूरा ध्यान रखते थे कि उनकी चमत्कारिक घटनाओं का प्रचार प्रसार न हो। पहले पूज्य बाबा जी की गाड़ी सेवा भाव से चालक रामानंद चलाते थे और आश्चर्य यह था कि उनको बहुत ही कम दिखायी देता था। इसके कुछ समय के बाद प. बनवारी लाल पाठक ने वृंदावन के ही एक युवा हबीबुल्ला खां को पूज्य बाबा जी की सेवा में गाड़ी चलाने के लिये रखवाया।
एक बार कैंची आश्रम की घटना है। हबीबुल्ला खां गाड़ी चालक थे उन्होंने पूज्य बाबा से कहा कि "बाबा गाड़ी में पेट्रोल खत्म हो गया है। अगर आपको कहीं जाना हो तो आज्ञा दे जाकर पेट्रोल भरवा लाऊं। पूज्य बाबा ने कहा उन्हे कहीं जाना नहीं है। दूसरे ही दिन रात को हबीब को बुलाकर कहा कि गाड़ी निकाल अल्मोड़ा जाना है हमारा भक्त याद कर रहा है।"
हबीब ने गाड़ी स्टार्ट की याद दिलाया पेट्रोल नहीं है। पूज्य बाबा बोले "तू गाड़ी चला" और गाड़ी रवाना हुई। 4-5 किलोमीटर चलने के बाद गाड़ी रुक गई चारो और घना जंगल और जानवरों की आवाजे आने लगी। हबीब ने कहा कि "अब रात जंगल में ही गुजारनी पड़ेगी तो सोने की व्यवस्था करूं। पूज्य बाबा बोले : सोता क्यों है आसपास से किसी झरने से 3 कैन पानी लाकर डाल दे और चल। हबीब ने चौंक कर कहा कि बाबा पेट्रोल की जगह पानी डालने से गाड़ी खराब हो जायेगी।
पूज्य बाबा ने गर्जना करते हुए कहा कि डालता क्यों नहीं है बात करता है। डरते हुए पास के झरने से हबीब ने 3 कैन पानी डाला और जैसे ही गाड़ी को स्टार्ट किया वह चल दी। रात भर गाड़ी पानी से चलती रही सुबह पूज्य बाबा कैंची आश्रम लौट कर आये। अगले दिन पूज्य बाबा की आज्ञा से हबीब खां ने 3 कैन पेट्रोल उसी झरने में वापस डाल दिया।
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