ईमानदारी की कीमत आंसू, आंसू बहा रहा पल भर की जिंदगी

कौन सुने किसकी कहानी स्वार्थ की है दुनिया ज्ञानी

गजानन्द मौर्य

देवरिया। दो वक्त की रोटी के लिए भटक रहे रामनरेश प्रसाद  विधानसभा बरहज के रहे पुर्व  प्रत्याशी, आइए हम इनकी सुनी लिपिबद्ध कर रहे हैं कहानी रामनरेश प्रसाद सन ऑफ राम लाल उम्र 80 वर्ष ग्राम परसिया निरंजन पोस्ट कोरया थाना भलुवनी देवरिया के निवासी हैं इन्होंने सन 1971 में जनता दल से पहला चुनाव विधानसभा से लड़े, दूसरा चुनाव 1993 में निर्दल लड़े ये अपनी ईमानदारी के बदौलत जनता से सहयोग लेकर चुनाव लड़ते थे,और इस समय जनता को देकर चुनाव लड़ते हैं कितना अंतर है

समाज में समाज के समानता का, अस्तित्व कहां कब कैसे गिर जाएगा किसी को पता नहीं , 1971 में जब चुनाव लड़े तो उस समय केंद्र में बी पी सिंह की सरकार थी 11 महीने तक सरकार रहने के बाद सरकार गिर गई उसके उपरांत 4 महीने के लिए चंद्र शेखर सिंह प्रधानमंत्री बने जिसमें बी पी सिंह की केंद्र में सरकार थी उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनारसी दास की सरकार थी कुछ दिनों बाद सरकार गिर गई और कल्याण सिंह के समय में भाजपा के ईमानदार एवं वरिष्ठ वित्त मंत्री थे

हरीश चंद्र गुप्त अच्छे व्यक्तित्व के कारण कल्याण सिंह हरीश चंद्र गुप्त को बुलवाकर मुख्यमंत्री बनाये, कुछ दिनों बाद जब  चंद्रशेखर जी प्रधानमंत्री पद से मुक्त हुए उसी समय कांग्रेस के नेता इंदिरा गांधी स्वभाव सील उच्च कोटि हर भाषाओं का ज्ञान रखने वाले सरल स्वभाव के ईमानदार और लोगों की हर समस्या और देश की राजनीतिज्ञ को सुदृण करने हेतु नरसिम्हा राव को घर से बुलाकर प्रधानमंत्री बनाया गया, सन 1975 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध जन आंदोलन का बिगुल बजा, इस जन आंदोलन के नेतृत्व करता विश्व लेवल के नेता थे

जय प्रकाश श्रीवास्तव इस जन आंदोलन में रामनरेश प्रसाद ने 1 महीने 9 दिन तक जेल में रहे। जिस समय प्रेम प्रकाश सिंह पूर्व मंत्री रहे इनके साथ बसपा के समय में साथ रहे रामप्रसाद जायसवाल के साथ रहे लेकिन प्रेम प्रकाश सिंह से मिलने की इच्छा जाहिर करते हुए अपनी जीवनी सुनाएं इनकी जीवनी ऐसी है कि सुनकर आंखों में आंसू आ जायेगे, इनका एक पुत्र तीन पुत्रियां तीनों पुत्रीयो की शादी कर चुके हैं, इनका पुत्र इन से कोई वास्ता नहीं रखता, रामनरेश प्रसाद अपने पत्नी के साथ अकेले मिट्टी के एलिवेशन पड़े घरों में गुजर बसर करते हैं आज इनकी ऐसी परिस्थिति हो गई है कि खाने और दवा के लिए अपने टूटी साइकिल से चलते हैं लोगों से सहयोग लेकर अपनी व्यवस्था को चलाते हैं,क्या इन्हें ग्राम विकास या किसी प्रतिनिधि के तरफ से माननीय नरेंद्र मोदी जी के चलाए जा रहे विकास योजना कल्याण हेतु सुविधा इन्हें भी कोई दिलाने में मदद करें, ताकि जीवन जीने के लिए रोटी कपड़ा और मकान इन्हें प्राप्त हो सके। इतना त्याग ईमानदारी समर्पण के बाद। परमेश्वर है इनके पालक, जाकर देखें इनकी हालत।

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