माफियाओं के सफाए की पूरी योजना

माफियाओं की बन गई है लिस्ट, 61 पोस्टर पर, जानेंमे सफाए का पूरा प्लान

उत्तर प्रदेश का योगी आदित्यनाथ सरकार माफिया अतीक अहमद के बाद अब माफिया सफाई अभियान की शुरुआत करने जा रहा है। इसके लिए 61 माफियाओं की सूची बन गई है। सूची पर मुहर की लगनी बाकी है। विशेष डीजी ला एंड ऑर्डर पैसिफिक कुमार यूपी पुलिस के अनुसार शराब माफिया, पशु तस्कर, वन माफिया, खनन माफिया, शिक्षा माफिया आदि को मार्क कर इस बार 50 शासन द्वारा और 11 पुलिस मुख्यालय स्तर पर माफिया की लिस्ट बनाई गई है। इनमें से गैंग को खत्म करने से लेकर उनके 500 करोड़ तक की संपत्ति ज़ब्त करने का लक्ष्य भी रखा गया है।प्रशांत कुमार के भविष्य के अनुसार इस सूची में नाम और वृद्धि हो सकती है।

प्रतापगढ़।शीर्ष 61 माफियाओं की सूची में संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के पुरमई सुल्तानपुर के सुधाकर सिंह का भी नाम है। सुधाकर शराब माफिया है। सुधाकर प्रतापगढ़, सुल्तानपुर और आस-पास के कब्जे में अवैध शराब का सबसे बड़ा तस्कर है। सुधाकर के ठिकानों से करोड़ों की अवैध शराब बरामद की गई थी। पुलिस ने सुधाकर पर एक लाख का इनाम रखा था। बरहाल सुधाकर जेल से बाहर है।

प्रतापगढ़ कुंडा सर्किल के हथिगवाथाना क्षेत्र के बलीपुर गांव के संजय सिंह उरी गुड्डू सिंह शराब माफिया है। पुलिस ने पिछले साल हथिगवाथाना क्षेत्र के झाझा के पुरवा में लगभग 12 करोड़ शराब और शराब बनाने का काम बरामद किया था। जगह-जगह शराब पकड़ी गई थी। इन सभी मामलों में गड्डू सिंह का नाम सामने आया था। बरहाल गुड्डू सिंह जेल से बाहर हैं।

बहराइच।लिस्ट में देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ ​​गब्बर सिंह का नाम है। लूट, हत्या, धोखाधड़ी, जमीन पर कब्जा करना, जैसे 56 मुकदमों के देवेंद्र घटना। देवेंद्र एक लाख का इनामी है और जिला पंचायत के सदस्य भी हैं। देवेंद्र पर अयोध्या, गोंडा, सुल्तानपुर, लखनऊ, बहराइच सहित कई संगीन कतारों में संकेत हैं। 27 मार्च 2020 को बहराइच में आयोजित एक कार्यक्रम में आए योगी आदित्यनाथ के प्लेटफॉर्म पर आने के बाद चर्चा में आए देवेंद्र की मुश्किलें लगातार बढ़ती गईं।

मेरठ। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में शीर्ष 25 माफियाओं की सूची में उधम सिंह का पहला नाम शुमार था। इस बार भी उधम का नाम माफिया लिस्ट में है। उधम की गैंग मेरठ के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लूट, धोखाधड़ी, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या करती थी। बरहाल उधम उन्नाव जेल में बंद है।

मेरठ। मेरठ का कुख्यात अपराधी योगेश भदौड़ा है। भदौड़ा गैंग डी 75 का सरगना है। योगेश भदौड़ा गांव का रहने वाला है। योगेश पर लूट, हत्या, अपहरण, हथियार जैसी हरकतें और इसी तरह के कंप्यूटर रिकॉर्ड में 40 फाइलें दर्ज हैं। बरहाल योगेश सिद्धार्थनगर जेल में बंद है। योगेश टॉप 25 लिस्ट में भी था।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का माफिया बदनाम सिंह बद्दो रहन-सान और शक्ल सूरत से किसी हॉलीवुड अभिनेता से कम नहीं है बद्दो दुनिया के किसी कोने में छिपा हुआ है।बद्दो पर सहित कई राज्यों में हत्या, धोखाधड़ी, लूट, डकैती के 40 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं।बद्दो रवैया लाख का इनाम है।बद्दो वर्ष 2019 से बहरा है।बद्दो टॉप 25 माफिया की सूची में है।

 मुरादाबाद।माफिया अजित चौधरी अक्कू शोधन भाई के नाम से मशहूर है। अजीत पर हत्या, लूट, रंगदारी सहित 14 दोष दर्ज हैं।

बागपत कुख्यात धर्मेंद्र किठल पर 49 प्रमाण पत्र दर्ज हैं। इनमें से मृत्यु की 15 से अधिक आशंकाएं हैं। धर्मेंद्र को 2021 में यूपी एसटीएफ ने भ्रष्टाचार से गिरफ्तार किया था।

बागपत का रहने वाला कुख्यात सुनील राठी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा माफिया माना जाता है। राठी मंडोली जेल में बंद है। राठी वह माफिया है, जिसका अपराध इतिहास पर बाद में भी कोई फर्क नहीं पड़ा। और ऐसी स्थिति। राठी जेल के अंदर हो या फिर जेल से अपने अधिकार और दबदबे को बनाए रखने में सफल। योगी सरकार में ही राठी ने बागपत जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी की हत्या की थी। राठी शीर्ष 25 माफिया की सूची में भी था।

अभिषेक सिंह संदिग्ध जहरीला कुख्यात अपराधी है। अभिषेक आईडी-23 गैंग का सरगना है। अभिषेक वाराणसी के पांडेयपुर का रहने वाला है।वाराणसी में अभिषेक पर हत्या, लूट और रंगदारी की दो फाइलें दर्ज हुई हैं।

प्रयागराज। निहाल कुमार बिल्कुल बच्चा पासी डी-46 गैंग का सरगना है। धूमनगंज का रहने वाला निहाल पर दो फाइलें बड़ी प्रमाणपत्र दर्ज हैं। निहाल पर सबसे पहले आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके बाद निहाल अपराध की दुनिया में तब मशहूर हुआ, जब उनका नाम साल 2006 में मुंबई के काले घोड़े शॉटआउट में आया। इसी शॉटआउट ने बच्चे पासी को बच्चे के भाई में बदल दिया।बरहाल निहाल ऑफर है।

राजन मूल तिवारी के रूप में उत्तर प्रदेश के गढ़ जिले के सोहगौरा गांव में रहने वाला है। राजन तिवारी माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला का साथी हुआ था। यूपी और बिहार में अपराध की दुनिया में राजन तिवारी का नाम सबसे ऊपर है। राजन बिहार में। दो बार विधायक रह चुके हैं बेघर। 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजन ने लखनऊ में बीजेपी को शामिल किया था। राजन के बीजेपी में शामिल होने पर काफी विवाद हुआ, जिसके बाद राजन को साइडलाइन कर दिया गया। इससे पहले राजन 2016 में बसपा में शामिल हुए थे।

बहुजन समाज पार्टी के नेता गढ़ जिले में पिपरौली के पूर्व प्रमुख और माफिया सुधीर सिंह के आपराधिक मामलों की लंबी सूची है। बीते विधानसभा चुनाव में कननवां विधानसभा क्षेत्र से सुधीर बसपा था। सुधीर की हत्या की कोशिश, हत्या सहित 26 दोष दर्ज हैं।

गोरखपुर के अपराधी विनोद उपाध्याय के पर रंगदारी, हनन, हत्या की कोशिश सहित 25 विभिन्न दोष दर्ज हैं। बहाल विनोद फतेहगढ़ जेल में बंद है।

समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व सांसद रिजवान जहीर बलरामपुर का रहने वाला है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पूर्व सांसद रिजवान जहीर के पर 14 दोष दर्ज हैं। इसमें हत्या-बलवा सहित गम्भीर आरोप शामिल हैं।

प्रयागराज के दिलीप मिश्रा बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेता की हार हुई है। दिलीप मौजूदा समय में फतेहगढ़ जेल में बंद है। 12 जुलाई 2010 को प्रयागराज के कोतवाली शहर के अंतर्गत बहादुरगंज में नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर स्कूटी में छिपे हुए थे, उन पर बम से जानलेवा हमला किया गया था, दिलीप का मुख्य सनसनी था। दिलीप का नाम टॉप 25 माफियायों की लिस्ट में भी था।

फर्रुखाबाद की बहुजन समाज पार्टी के नेता अनुपम दुबे पर 41 प्रमाणपत्र दर्ज हैं। साल 1996 में कन्नौज के गुरसहायगंज कोतवाली चार्ज रामनिवास यादव की ट्रेन में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड से अनुपम दुबे चर्चा में आया था।

सहारनपुर का रहने वाला माफिया माफिया हाजी इकबाल या बाला पूर्व एमएलसी और लखीमपुर खीरी, गोरखपुर और सीतापुर की तीन चीनी मिल लेने वाली कंपनी में भी निदेशक है। हाजी इकबाल पर राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर थाने में कंपनी अधिनियम और अन्य दस्तावेजों में भी मुकदमा दर्ज किया गया है। है।

लखनऊ के कृष्णा नगर थाने के मुक्त नगर का रहने वाला बच्चाचू यादव पहले गांजा बेचाता था, लेकिन देखते-देखते बच्चेचू पर रंगदारी और लूट सहित 25 दोष दर्ज हो गए।बरहाल बच्चेचू दलाल है।

माफिया मुतार अंसारी का करीबी जुगनू वालिया राजधानी लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र के चंदन नगर का रहने वाला है। जुगनू पर एक मतदाता सूची दर्ज है।बरहाल जुगनू भिक्षा है।

राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम के रहने वाला लल्लू यादव अपराधी की दुनिया का बेटाज बादशाह है।आपराधिक जीवन में लल्लू हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध कब्जे, अत्याचार और प्रभावित के अलावा गुंडा ऐक्ट जैसे 12 मुकदमों में नामजद है। बरहाल जेल में है।

अपराधियों की सूची में इनके अलावा महानतार अंसारी, बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, खान मुबारक, सलीम, सोहराब, रुस्तम, ब्लू श्रीवास्तव, लुमेश ​​राय, कुंटू सिंह, सुभाष ठाकुर, संजीव माहेश्वरी जीवा, मुनीर शामिल हैं।

बता दें कि लिस्ट में मौजूद कई माफिया जेलों में हैं। एकेले की राजधानी लखनऊ की जेल की अगर बात करें तो यहां एक से बढ़कर एक माफिया मौजूद हैं। लखनऊ जेल में बंद माफिया के बेटे उमर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी संजीव जीवा अभिषेक सिंह के अलावा अर बाबू, एहशान गाजी, बिहार के अपराधी फिरदौस, राजू अर तौहीद, सीएमओ हत्याकांड का आनंद प्रकाश आतंक, राजेश तोमर, जावेद इकबाल और आसिफ इकबाल को लिस्ट किया गया है। इसके अलावा 11 अन्य लोगों की भी निगरानी बढ़ी है। है। जेल में क़रीब 4500 बंदी, 600 बंदी, कैद और दुर्दांत अपराधी सहित 85 और 3815 अन्य हैं।

कई अपराधियों की निगरानी भी व्यापक है और उनकी सूची बनाई गई है। अपराधी संजीव जीवा के अलावा अभिषेक सिंह अर बाबू, अहशान गाजी, फिरदौस, राजू उर तौहीद, आनंद प्रकाश तिवारी, राजेश तोमर, जावेद इकबाल और आसिफ इकबाल को लिस्ट किया गया है।

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